{ संपूर्ण कोशिश } ___________💥

सूर्य की महादशा में – सभी ग्रहों की अन्तर्दशा का फल {1} सूर्य की महादशा में सूर्य की ही अंतर्दशा तीन महीने अठारह दिन की होती है। यदि जन्म पत्रिका में सूर्य कारक हो, उच्च राशि का हो तथा पाप प्रभाव से रहित हो तो अपनी दशा एवं अन्तर्दशा में शुभफल देता है। इस दशा में जातक के धन धान्य की वृद्धि होती है तथा उसे पदोन्नति का अवसर मिलता है। समाज में जातक की मान प्रतिष्ठान बढ़ती है। जातक के सभी कार्य अनायास हो जाते हैं। अकारक एवं पाप प्रभावी सूर्य की अन्तर्दशा में जातक रोग से पीड़ित होता है एवं अंशात रहता है। उसे क्रोध बहुत आता है। आय की अपेक्षा जातक का व्यय बढ़ा रहता है जिसके फलस्वरूप उसकी आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है जातक पढ़ावनति स्थानान्तरण, अधिकारियों से विरोध जैसी आपत्तियों को झेलता है एवं व्यर्थ भटकता रहता है! 💥 {2} सूर्य की महादशा में चन्द्रमा की अन्तर्दशा का फल सूर्य की महादशा में चंद्रमा की अंतर्दशा छः महीने की होती है। यदि जन्म पत्रिका में चन्द्रमा में चन्द्रमा उच्च राशि, स्वराशि, मित्र राशि आदि शुभ प्रभाव में हो तथा केन्द्र, धन अथवा आज स्थान में स्थित हो तो शुभ फल प्रदान कर...